Sunday, August 24, 2008

श्रीकृष्णजी के जन्मदिवस पर........

ये संदेश आज भगवान श्रीकृष्णजी के जन्मदिवस पर........

तेरी बांसूरीके सूरमें कैद है ये बाला,

आज उसे ये कैदसे छुडाने फिर मथुराकी कैदमें आजा,

रुठी यशोदा बेताब है तुम्हे लोरी सुनाने ,

झूठी डांट लगाने,घर घरमें फिर मक्खन चुराने फिर आजा.....

गोपियोंकी मक्खनभरी मटकियां राह तके तेरी,

उसे कंकरी मारके तोडने फिर आजा......

प्रेमदिवानी एक मीराके हाथमें है विषप्याला,

उसे जीवनदानका वरदान देने आजा............

द्रौपदी पुकारे कौरवोंकी सभामें तुम्हें आज भी,

उसके चीर पूरने फिर आज आजा.....

इस कलिकालमें अर्जुन निराश होकर बैठ गया संग्राम छोडकर,

फिर उसे श्रीमद भागवत गीताका गान सुनाने आजा......

राधाका प्यार बिसरा न सके हम कभी ,

उस दास्तांको अमरत्व देने आज एक बार फिर धरती पर आजा............

1 comment:

रोशन प्रेमरोगी said...

ap meera ki tarah sochati aur radha ki tarah lokhati hai
-roshan premyogi

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